Bike Insurance : Motor Vehicles Act के तहत आपके लिए Comprehensive Insurance Policy सबसे बेहतर है। इसमें स्टैंडअलोन और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इन दोनों ही पॉलिसी का कॉम्बिनेशन है।
Two Wheeler Insurance : अगर आप बाइक का इंश्योरेंस कराने जा रहे हैं, तो आपको सही जगह से पता कर लेना चाहिए कि कौन सी पॉलिसी लेनी चाहिए। क्योंकि टू व्हीलर वाहन के इंश्योरेंस के लिए आपके पास तीन विकल्प होते है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पालिसी (Comprehensive Insurance Policy) और स्टैडअलोन पॉलिसी। चलिए हम आपको बताते है कि इनमें से आपको किसे चुनना चाहिए है।
Third Party Insurance एक ऐसा इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसे वाहन सड़क पर आने से पहले बाइक मालिक को खरीदना चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये इंश्योरेंस पॉलिसी सभी टू व्हीलर मालिक को अपनी बाइक की सेफ्टी के लिए खरीदना जरूरी है।
Third Party Insurance एक ऐसा इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसे वाहन सड़क पर आने से पहले बाइक मालिक को खरीदना चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये इंश्योरेंस पॉलिसी सभी टू व्हीलर मालिक को अपनी बाइक की सेफ्टी के लिए खरीदना जरूरी है।
स्टैंडअलोन पॉलिसी स्वयं के नुकसान यानी On Damage को कवर करता है। वहीं कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी, स्टैंडअलोन और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इन दोनों ही पॉलिसी का कॉम्बीनेशन है।
कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराया जाता है। इंश्योरेंस कस्टमाइजेशन (Insurance Customisation) सिर्फ स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ ही संभव है।
बाइक इंश्योरेंस के साथ जोड़ा जाने वाला ऐड-ऑन विभिन्न बीमा कंपनियों के अलग हो सकते हैं। इसे कोई भी बाइक ओनर खरीद सकता है, हालांकि इस ऐड-ऑन के लिए अलग से एडिशनल प्रीमियम देना होता है।

बाइक इंश्योरेंस को बेहतर बनाने कुछ आसान तरीके
जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर
आज के समय में बाइक का इस्तेमाल करने से उसकी कीमत घटती जाती है। बाइक की कीमत में समय के साथ आ रही गिरावट का असर पॉलिसीहोल्डर यानी मालिक पर पड़ता है।
ऐसे में मुख्य बीमा पॉलिसी के आलावा बीमा कंपनी द्वारा खरीदा गया ऐड-ऑन जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस बैटरी, ट्यूब और टायरों को छोड़कर आपकी बाइक के बाकी सभी भागों के लिए 100 फीसदी नुकसान को कवर करेगी।
बता दें वाहन की बैटरी, ट्यूब और टायरों के नुकसान होने पर ये ऐड-ऑन सिर्फ 50 फीसदी का कवर देगी। स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ बाइक के लिए जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुना जा सकता है।
फिलहाल ज्यादातर बीमा कंपनियां एक कार्यकाल में अधिकतम 2 जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर की अनुमति देती हैं, कुछ ऐसे भी बीमा कंपनियां हैं जो एक कार्यकाल के दौरान अनलिमिटेड कवर की अनुमति देती हैं।

रोड साइड असिस्टेंस
सफर के दौरान बाइक में खराबी एक ऐसी चीज है जो कभी भी सामने आ सकती है, और ये आपको परेशानी में डाल सकती है। हालांकि, अगर आपकी बाइक पर रोड साइड असिस्टेंस का कवरेज है, तो आप बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर पर कॉल करके समय सीमा के भीतर संबंधित मोटर मैकेनिक की मदद ले सकते हैं।
बाइक के टायर की गड़बड़ी हो या वाहन की अन्य खामी बीमा कंपनी की तरफ से उसे सही कराए जाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, पंचर सहायता, इमरजेसी फ्यूल डिलीवरी, मौके पर रिपेयरिंग, कैब सर्विस, एकोमेडेशन, वाहन की चाबी लॉक-आउट सहायता, पुर्जों की शिपमेंट, रूट गाइडेंश और टेली-असिस्टेंट की सुविधा बीमा कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराई जाती है।

पैसेंजर असिस्टेंस कवर
नाम से पता चलता है कि पैसेंजर असिस्टेंस उस शख्स को कवर करता है जो दुर्घटना की स्थिति में सफर के दौरान बाइक चलाने वाले ड्राइवर के पीछे बैठा था। बाइक के पिछले सीट पर बैठे पैसेंजर का जीवन भी उतना ही अहम है जितना कि राइडर यानी बाइक चलाने वाले ड्राइवर का।
पैसेंजर असिस्टेंस कवर सफर के दौरान अचानक सड़क हादसे में बाइक राइडर के पीछे वाली सीट पर बैठे पैसेंजर को घातक चोट आ जाने पर कवर करता है।
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रिटर्न टू इनवाइस
मुख्य बाइक बीमा जैसे स्टैंडअलोन ओन डैमेज पॉलिसी या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी दुर्घटना की स्थिति में बाइक को हुए नुकसान को कवर करती है। लेकिन बाइक चोरी या 70 फीसदी रिपेयर न हो पाने के मामले में बीमा कंपनी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) प्रदान करती है, जिसमें बाइक की मार्केट प्राइस से डेप्रिसिएशन कम होती है।
IDV वैल्यू खरीदारी के समय बनाए गए इनवाइस वैल्यू से अपेक्षाकृत कम है, क्योंकि इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज और रोड टैक्स दोनों शामिल हैं। हालांकि, ऐड-ऑन के तौर पर बाइक के लिए लिय़ा गया रिटर्न टू इनवाइस कवर IDV और इनवाइस वैल्यू के बीच के अंतर को पाटने का काम करता है, साथ ही रिटर्न टू इनवाइस यह भी सुनिश्चित करता है कि बाइक मालिक को IDV की बजाय इनवाइस वैल्यू मिले।
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नो क्लेम बोनस का प्रोटेक्शन
नो क्लेम बोनस बीमा कंपनी द्वारा दिया जाने वाला एक रिवार्ड या डिस्काउंट है। अगर पॉलिसीहोल्डर ने इंश्योरेंस टेन्योर के के दौरान नुकसान के लिए कोई दावा नहीं किया है तो अगली बार पॉलिसी रिनुअल पर लाभ दिया जाता है।
Baik Insurance FaQ
क्या बाइक का इंश्योरेंस होना जरूरी है?
एक वैध बाइक बीमा पॉलिसी के बिना, आपको अपने दोपहिया वाहन द्वारा किए जाने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के कारण सभी वित्तीय बोझ उठाना होगा। भारत में दोपहिया वाहन बीमा क्यों जरूरी है? भारतीय मोटर वाहन अधिनियम,1988 के अनुसार, भारतीय सड़क पर चलने वाले सभी मोटर वाहनों का वैध बीमा पॉलिसी होनी चाहिए।
बाइक का इंश्योरेंस कराने में कितना पैसा लग रहा है?
75सीसी इंजन तक की बाइक के लिए 1045 रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। – 75 से 150 सीसी इंजन वाली बाइक के लिए 3285 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। – 150 से 350 सीसी इंजन वाली बाइक के लिए 13034 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैंबाइक इंश्योरेंस के फायदे | Benefits of bike insurance
गाड़ी का बीमा होने से पेनाल्टी भरने या जेल जाने से बचते हैं।
दूसरे को चोट या नुकसान पर मुआवजा बीमा कंपनी देती है।
आपकी बाइक को भी नुकसान, चोरी या नष्ट होने पर मुआवजा मिलता है।
खुद को चोट पहुंचने पर आपको या आपके परिवार को मदद मिलती है।
फर्स्ट पार्टी बाइक इन्शुरन्स क्या होता है?
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, ऐसा वाहन बीमा होता है, जिसके कारण कोई बीमा कंपनी आपकी खुद की गाड़ी को होने वाले नुकसान का मुआवजा देती है। वाहन बीमा की भाषा में इसे Own Damage Cover के नाम से जाना जाता है। लेकिन, यह सुविधा (Own Damage Cover) आपको तभी मिल सकती है, जबकि आपने Comprehensive Insurance Plan (संपूर्ण बीमा) लिया हो।