आज हम जानेंगे कि आखिर जॉब बिजनेस ओर प्रोफेशन में अंतर क्या होता है तीनों चीजें एक दूसरे से कितनी अलग है और क्या तीनों में जो आपके पास अपॉर्चुनिटी है वह सेम होती हैं क्या तीनों में गुड इनकम आप ले सकते हो मतलब एक रिच पर्सन आप बन सकते हो तो
आजकल के दौर में जॉब बिजनेस ओर प्रोफेशन को पहचानना बड़ा मुश्किल है, suppose आप कोई दुकान चला रहे हो तो क्या वह बिजनेस है.
आइए बात करते हैं इन तीनों चीजों के बारे में पहले जॉब फिर बिजनेस और फिर प्रोफेशन.
Job
जॉब की अगर बात करें तो जॉब एक ऐसी चीज है जिसमें आपकी एक fix सैलरी रहती है फिक्स टाइम रहता है. 9:00 से 5:00 का आज की जॉब्स में ज्यादातर टाइम है लेकिन अगर आप अगर ओवरटाइम करते हैं तो यह टाइम और भी बढ़ जाता है ये जॉब to जॉब दिखाया डिपेंड करता है .
आपका जो घर चलता है और घर चलाने के लिए 9 से 5 की जॉब बहुत जरूरी है 9:00 से 5:00 आप क्या करते हो उससे आपका घर चलता है तो आप को फ्रीडम बहुत ही कम मिलेगी ना के बराबर फ्रीडम हैं. जॉब कभी भी भूखे मरने नहीं देती लेकिन सच यह भी है कि जॉब कभी आगे बढ़ने भी नहीं देती|
Business.
बिजनेस की अगर बात करें तो बिजनेस एक ऐसा सेक्टर हैं जहां आप किसी भी काम को करने के लिए बिल्कुल फ्रीडम हैं. आप किसी भी काम को किसी भी तरीके से कर सकते हैं हालांकि आपके बिजनेस पर impact होगा जरूर लेकिन आपके ऊपर कोई बोलने वाला है नहीं है. आपने यह काम सही नहीं किया.
आपने यह काम गलत कर दिया है. जिसमें आप किसी भी एक दुकान किसी भी एक firm किसी भी एक फैक्ट्री या किसी भी एक इंस्टीट्यूट में सीमित ना रहे, आप उसे स्केल करें. वह बिजनेस है ,आप उससे ज्यादा से ज्यादा कमाई करें वह बिजनेस है, उसमें फ्रीडम हो वह बिजनेस है और उसमें आप लोगों को job दे सके वह भी बिजनेस है.
Profession.
बिजनेस और जॉब से प्रोफेशन बहुत ही अलग होता है प्रोफेशन में आप किसी के under तो काम नहीं करते हो लेकिन आपका खुद का बिजनेस भी नहीं होता है. आप न किसी के अंडर जॉब करते हो और ना आप किसी को जॉब दे सकते हो वह आप का प्रोफेशन आ जाता है
प्रोफेशन का हमेशा से ही जॉब से अप्पर लेवल रहा है और बिजनेस से हमेशा डाउन लेवल रहा है प्रोफेशन में हमेशा बिजनेस से कम पैसा है और जॉब से ज्यादा पैसा है.
प्रोफेशन में हमेशा आप एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हो.
जिसमें बिजनेस की तो कोई बात ही नहीं आती है लेकिन जैसे suppose that एडवोकेसी को देखा जाए तो अगर कोर्ट में जज नहीं होगा तो एडवोकेट का तो काम ही नहीं होगा यह ऐसी चीजें हो जाती है
इसमें कोई ना कोई दूसरी पार्टी बीच में इंवॉल्व रहती है जिसके थ्रू आप काम करवा कर किसी और को देते हो.
अगर आप दुकानदारी कर रहे हो और एक ही दुकान में रहकर कर रहे हो तो समझ लो कि आ⁸पका वह बिजनेस नहीं है आपकी दुकानदारी प्रोफेशन बन चुका है वह कभी भी बिजनेस नहीं है अगर वह बिजनेस होता तो आपकी खुद की मैन्युफैक्चरिंग होती आपकी खुद की टीम होती है आप कुछ लोगों को जॉब दे रहे होते.
अपनी दुकानदारी को कभी भी बिजनेस समझने की भूल ना करें वह आप का प्रोफेशन है और वह तब तक आप का प्रोफेशन ही रहेगा जब तक आप अपनी दुकानों की संख्या या तो बढ़ा ना दे या बिजनेस को थोड़ा स्केल ना कर ले या उस बिजनेस में कोई टीम न बनाएं या उस बिजनेस में आप खुश ना हो तो समझ लो कि आप उसे दुकानदारी कर रहे हो आप प्रोफेशन कर रहे हो आप कोई भी बिजनेस नहीं कर रहे हो.
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