क्या है Digital Rupee

ब्लॉकचेन आधारित Digital Rupee को दो तरह से लॉन्च किया जाना है। पहला होलसेल ट्रांजैक्शन और दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए। केंद्रीय बैंक आज से इसे पायलट तौर पर पेश करने जा रही है। इससे आपको भुगतान का एक और विकल्प मिलने वाला है।

डिजिटल रुपया क्यों है जरूरी, अगर नोटबंदी फिर हूवी तो…

डिजिटल रुपी या कहें डिजिटल रुपया भारत के फाइनेंस सेक्टर का भविष्य बनने जा रहा है। फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट के नाम से लागू किया गया है। इसमें आने वाली दिक्कतों को दूर कर इसके प्रयोग का दायरा बढ़ाया जाएगा।

भविष्य में डिजिटल रुपया बढ़ती तकनीक के साथ देश और विदेश में भी लेन-देन का माध्यम बनने वाला है। अगर ये प्रयास सफल होता है तो इसकी मजबूती भविष्य में अर्थव्यवस्था की दिशा को बदल कर रख देगी।

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यह संभव है भविष्ट में सरकार नोटबंदी की तरह कदम उठा लें

इस बारे में बैंकिंग विशेषज्ञों की राय भी अलग अलग है। इस बारे में बैंकिंग के जानकार एससी सिन्हा का भी मानना है कि फिलहाल सरकार नोटबंदी की तरह जल्दबाजी में डिजिटल रूपी को लागू नहीं करने जा रही है।

अभी डिजिटल रुपया पायलेट प्रोजेक्ट की तरह चल रहा है। आगे इसे सरकार सोच समझकर इसका दायरा बढ़ाएगी।  चार-पांच साल बाद यह संभव हो पाएगा।

देश के लिए जरूरी डिजिटल रुपया

सिन्हा का मानना है कि डिजिटल रुपया बेशक कालेधन पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को भी वर्तमान परिस्थिति में रोकने का काम करेगा।

इतना ही नहीं सरकार को टैक्स न देने वाले भी अब बच नहीं पाएंगे और सबसे बड़ी बात यह की टेरर फंडिंग पर भी पूरी तरह से रोक लगेगी। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी जैसे विदेशी डिजिटल करेंसी के भारत में फैलाव और भारतीयों के इसमें निवेश को भी रोका जा सकेगा।

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आखिर क्यों जरूरी हो गया डिजिटल रुपया

बैंकिंग विशेषज्ञ एससी सिन्हा का कहना है कि डिजिटल रुपया से पूरी तरह से बैंकिंग व्यवस्था या कहे रुपये के लेन-देन की व्यवस्था में एकरूपता आ जाएगी। उनका कहना है कि आज की तारीख में रुपये के डिजिटल बैंकिंग में लेन-देन के लिए आपको बैंक खाते की जरूरत होती है जो डिजिटल रुपये के लेन-देन में नहीं पड़ेगी।

इसके अलावा डिजिटल बैंकिंग में लेन-देन रियलटाइम नहीं होता जो डिजिटल रुपये में रियलटाइम मनी ट्रांसफर होगा। डिजिटल रुपये में बैंक खाते की जगह वॉलेट अकाउंट से लेन-देन होगा।

E-Rupee लाने का मकसद

CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन (Block Chain) आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था।

बीते दिनों केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि RBI डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है।

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ऐसे कर सकेंगे E-Rupee का इस्तेमाल

RBI की ओर पूर्व में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (डिजिटल रुपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।

इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।

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